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pdbedcollege.blogspot.com मैं आपका स्वागत है,आज मैं किशोरावस्था की परिभाषा एवं अर्थ, किशोरावस्था में विकास की अवस्थाओं का वर्णन करेंगे |
दोस्तों इस टॉपिक से प्रतिवर्ष CTET,STET,UPTET,KVS आदि सभी एग्जाम में प्रश्न पूछे जाते हैं |
| Adolesence |
किशोरावस्था का परिभाषा एवं अर्थ
किशोरावस्था वह समय है ,बाल्यावस्था के समाप्त होने के पश्चात किशोरावस्था का आरंभ होता है|किशोरावस्था बाल्यावस्था के समाप्त होने के बाद 12 वर्ष की आयु से शुरू हो जाती है और 18 वर्ष आयु तक किशोरावस्था मानी जाती है, परंतु किस -किसी में 22 वर्ष तक हो सकता है |
W.H.O के अनुसार ---- 10 - 19 year
किशोरावस्था को जीवन का बसंत काल भी कहा जाता है यह अवस्था तूफान और तनाव की अवस्था होती है इसीलिए इस अवस्था को जीवन का सबसे कठिन काल के नाम से भी जाना जाता है |
इस अवस्था में बालक और बालिकाओं का विकास बहुत तेजी से होता है ,किशोरावस्था अवस्था में विभिन्न अंगों का विकास होता है | जैसे - हड्डी का विकास , लंबाई का विकास , मस्ती का विकास, आवाज में परिवर्तन , अंगों का विकास , एवं आंतरिक अंगों का विकास इत्यादि इस अवस्था में होता है |
स्टैनले हाँल के अनुसार
इससे तनाव एवं तूफान की अवस्था कहा जाता है |
क्रो एंड क्रो के अनुसार
किशोर ही वर्तमान की शक्ति और भावी आशा को प्रस्तुत करता है |
राँस के अनुसार
किशोरावस्था शैशवावस्था की पुनरावृति है |
कुल्हन के अनुसार
किशोरावस्था बाल्यावस्था और प्रोढ़ावस्था के बीच का संक्रांति काल है |
जरशिल्ड के अनुसार
किशोरावस्था वह समय है जिसमें विचारशील व्यक्ति बाल्यावस्था से परिपक्वता की ओर संक्रमण करता है |
किलपैट्रिक के अनुसार
किशोरावस्था जीवन का सबसे कठिन काल है |
किशोरावस्था की विशेषताएं (characteristics of adolescence )
- दिवास्वापन
- वीर पूजा
- पहचान संकट
- व्यवसाय समस्या
- आत्मकेंद्रित होना
- विद्रोह की प्रवृत्ति
- रुचि एवं अभिरुचिओ का विकास
- काम भावना
- मानसिक स्वतंत्रता की भावना
- स्वाभिमान की भावना
किशोरावस्था के कितने भाग हैं
किशोरावस्था को दो भागों में बांटा गया है |
- बाल्यावस्था (Childhood )
- वायकावस्ता (Adulthoad )
बाल्यावस्था ______________ वायकावस्ता
बाल्यावस्था और वायकावस्ता दोनों के बीच इस गैप को ब्रिज ( Bridge ) कहते है |
किशोरावस्था में विकास की अवस्थाओं
किशोरावस्था में विकास की अवस्थाएं निम्नलिखित हैं |
1. शारीरिक विकास
इस अवस्था में शारीरिक विकास का परिवर्तन बहुत ज्यादा दिखाई पड़ता है किशोर के भार एवं लंबाई ,आवाज में भारीपन, हड्डी का विकास,और अनेकों प्रकार के शारीरिक परिवर्तन होते हैं |
2.मानसिक विकास
इस अवस्था में बालक एवं बालिका में स्मृति, विस्मृति, कल्पना , चिंतन, तर्क और समस्या समाधान आदि मानसिक विकास हो जाता है और वह इनका प्रयोग विभिन्न परिस्थितियों में आसानी से कर लेते हैं |
3.सामाजिक विकास
इस अवस्था में किशोर इस आयु वर्ग में अपने समूह के प्रति वफादारी कदम प्रदर्शन करते हैं एवं समूह उन लोगों के विचारों आदतों एवं व्यवहार का पालन करने लगते हैं |
4.संवेगात्मक विकास
इस अवस्था में बालक बालिकाओं में जिज्ञासा की प्रवृत्ति पुनः प्रबल हो जाती है |
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बाल्यावस्था का परिभाषा , बाल्यावस्था में मानसिक विकास या संज्ञानात्मक विकास एवं शारीरिक विकास का वर्णन करें
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